माहे रमजान को नेकियों का मौसमे बहार कहा गया है। जिस तरह मौसमे बहार में हर तरफ सब्जा ही सब्जा नजर आता है। हर तरफ रंग-बिरंगे फूल नजर आते हैं। इसी तरह रमजान में भी नेकियों पर बहार आई होती है। जो शख्स आम दिनों में इबादतों से दूर होता है, वह भी रमजान में