Hindi Kavita: Bhige Adhar...

Hindi Kavita: Bhige Adhar...

Bhige Adhar...
पैकेज:
com.BNMCombines.VPSinghKavita
डाउनलोड:
आकार:
1.2 MB
Android आवश्यक है:
2.1 और बाद वाले वर्शन
अपडेट किया गया:
30 अप्रैल 2014
33
नवीनतम संस्करण:
1.0
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भोर के भीगे अधरों पर.... चीज़ें वही रहती हैं - अभ्यस्त मन और आंखों से परे का आयाम, मन की सहजता के क्षणों में जब दिख जाता है तो वही कविता हो जाता है. शायरी के लिए जलाल, जमाल और कमाल की बात कही जाती रही है, देखी, सुनी और महसूस की जाती रही है.

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