गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचितदोहाश्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारिबरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारिबुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमारबल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकारचौपाईजय हनुमान ज्ञान गुन सागरजय कपीस तिहुँ लोक